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कुंडली- :

कुंडली के प्रथम भाव को लग्न कहकर ही संबोधित किया जाता है और लग्न भाव अर्थात कुंडली के प्रथम भाव में स्थित राशि का स्वामी लग्नेश कहलाता है। फलित ज्योतिष में लग्न भाव और लग्नेश की स्थिति को बड़ा ही महत्व पूर्ण माना गया है। जन्म पत्रिका का पहला भाव लग्न कहा जाता है जो मनुष्य के स्वभाव को दिखलाता है। आप कैसे है, आपका स्वभाव कैसा है, आप धार्मिक है या नहीं यह सब आपकी जन्म पत्रिका के लग्न भाव से समझा जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं परंतु आपका रूप रंग भी इसी से पता चलता है।

इसके अलावा लग्न से जुड़े ग्रहों को देख कर विचार कर के अन्य बातो को भी जाना जाता है । इसीलिए कुंडली का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। क्युकी यह एकमात्र ऐसी चीज है जिसके जरिए हम जीवन के बहुत सारे संभावनाएं जान सकते हैं। परंतु कुंडली हमेशा अच्छे ज्योतिष के परमार्थ से ही बनवाना चाहिए ताकि हमे सारी जानकारी सही से मिले और हम किसी भी संकट का निवारण कर सके।