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आपका तंत्र क्या है?

यह बात सही है कि भारतीय ज्योतिष भाग्य के सिद्धांत को मानता है, लेकिन वह यह भी कहता है कि व्यक्ति पूजा, तंत्र-मंत्र, स्त्रोत पाठ, तप, जप व दान आदि जैसे उपायों से अपने भाग्य को बदल सकता है।
      सवाल उठता है कि व्यक्ति किस तरह की चु​नौतियों का सामना कर रहा है और किन ग्रहों व नक्षत्रों की चाल से उसके जीवन पर प्रभाव पड़ रहा है? इस बात की जानकारी एक ज्योतिषी ही दे सकता है और कोई धर्मात्मा ही बता सकता है कि पीड़ित व्यक्ति को कौन सी पूजा व जप आदि कब और कैसे करना है, क्योंकि मंत्र जाप के लिए, बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के पूजा मंत्र का पाठ करना चाहते हैं और उसका उद्देश्य क्या है? इसलिए इसमें ज्योतिषाचार्य की सलाह बेहद आवश्यक है।

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आखिर ज्योतिष है क्या ?

निश्चित रूप से ज्योतिष शास्त्र विशुद्ध एक विज्ञान है, जिसके जरिए गृह, नक्षत्र, समय, लग्न, मुहूर्त, दिन-रात, तिथि, पक्ष, वर्ष, युग व अंतरिक्ष आदि की जानकारी मिलती है। धर्म से इसका गहरा रिश्ता है, क्योंकि सभी धार्मिक कार्य ज्योतिष के माध्यम से ही पूर्ण होते हैं। इसे वेदों का नेत्र भी कहा जाता है। भारतीय ज्योतिष में जो पूजा और उपचार के उपाय बताए गए हैं, वे वैदिक प्रणाली के अनुसार ही हैं। पूर्णिमा कब होगी?कब कौन सा पर्व कब मनाया जाएगा? व्रत कब रखना है? किसी कार्य को करने के लिए कौन सा समय उपयुक्त है और किसी कार्य को कब नहीं करना है? व गर्भ धारण करने के लिए कौन सा समय उचित है?आदि समेत तमाम प्रश्नों का हल इसी विद्या के माध्यम से निकाला जाता है।

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हमारी सेवाएँ

वर्तमान में तमाम बहुत सारे लोग विभिन्न किस्म की चुनौतियों व समस्याओं से घिरे हुए हैं। किसी को कारोबार व नौकरी में दिक्कत है तो कोई पारिवारिक कारणों से परेशान है। लोग अपनी समस्याओं के समाधान और जीवन में सुख-शांति पाने के लिए भटक रहे हैं।

​सनातन धर्म-

सनातन धर्म की व्याख्या तमाम विद्वानों ने अपनी-अपनी तरह से की है, लेकिन सभी का अर्थ तकरीबन एक ही है।

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कुंडली-

सरल शब्दों में कहा जाए तो कुंडली या जन्मपत्री एक ज्योतिषीय डायग्राम है, यानी एक ऐसी कुंजी या दस्तावेज़ जिसके जरिए किसी व्यक्ति के अतीत,..

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न्यूमरोलाजी-

न्य़ूमरोलाजी यानी अंक शास्त्र भी ज्योतिष विज्ञान की ही एक शाखा है, जो गणित पर आधारित है। इसे संख्या शास्त्र भी कहा जाता है।

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वास्तु –

वास्तु शास्त्र ज्योतिष का ही एक अंग है, जो भवन या घर से संबंधित है, इसीलिए वास्तुशास्त्री का ज्योतिषी होना जरूरी होता है।

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​रत्न और पत्थर –

रत्न हमेशा से पूरी दुनिया में कीमती चीज माने जाते रहे हैं, जिनके मूल्य उनकी गुणवत्ता और दुर्लभता आदि के आधार पर तय होते हैं।

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​तंत्र:-

यह बात सही है कि भारतीय ज्योतिष भाग्य के सिद्धांत को मानता है, लेकिन वह यह भी कहता है कि व्यक्ति पूजा,..

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